Acceptance दोस्तों आज मै बताउँगा की हकलाना क्या है.हकलाहट पर विजय पाना हो या किसी अन्य कार्य मे !आपको पहले स्वीकार्य करना ही पड़ेगा आइये देखते है कैसे स्वकार्य लोग कार्य में करते हैं। और सफल होते हैं।
1 . डॉक्टर ;सबसे पहले वह स्वीकार्य करते हैं कि हाँ मैं डाक्टर हूँ। तब लोग उसके पास आते है कि और चेकप करवाते है। यदि डाक्टर स्वीकार्य न करे तो उसकी डाक्टरी शायद नहीं चलेगी। 2 . मजदूरः यदि कोई मजदूर स्वीकार्य करता हैं कि हाँ मैं मजदूर हूँ तभी उसे काम मिलता हैं और उसकी प्रगति होती हैं। 3 . एट्स का मरीज : मरीज किसी भी वीमारी का हो उसे पहले स्वीकार्य करना ही पड़ता हैं, कि हाँ मैं इस रोग पीड़ित हूँ। तभी घर वाले समाज वाले लोग डॉक्टर को दिखाते हैं। और मरीज ठीक होता हैं,यदि वीमारी है तो स्वीकार कीजिए और उचित सलाह लीजिए गा।
1 . डॉक्टर ;सबसे पहले वह स्वीकार्य करते हैं कि हाँ मैं डाक्टर हूँ। तब लोग उसके पास आते है कि और चेकप करवाते है। यदि डाक्टर स्वीकार्य न करे तो उसकी डाक्टरी शायद नहीं चलेगी। 2 . मजदूरः यदि कोई मजदूर स्वीकार्य करता हैं कि हाँ मैं मजदूर हूँ तभी उसे काम मिलता हैं और उसकी प्रगति होती हैं। 3 . एट्स का मरीज : मरीज किसी भी वीमारी का हो उसे पहले स्वीकार्य करना ही पड़ता हैं, कि हाँ मैं इस रोग पीड़ित हूँ। तभी घर वाले समाज वाले लोग डॉक्टर को दिखाते हैं। और मरीज ठीक होता हैं,यदि वीमारी है तो स्वीकार कीजिए और उचित सलाह लीजिए गा।