Friday, October 9, 2015

हिंदी प्रोस्पेक्टस के लिए यहाँ क्लिक करें
आवासीय एंटी स्टेमरींग  सांईकोथेरपी
होम  एंटी स्टे मरींग  सांईकोथेरपी
 छोटे बच्चे एवं लडकिया
his   
29  पेज हिंदी सलाह के प्रिंट के लिए यहाँ क्लीक कीजिए   
परिचय 
हकलाना 
तुतलाना
छात्रवास 
हकलाहट के चरण 
हकलाना  के कारण
आपके सल 
उपलब्धिया 

संकोथेरपी और उपचार
आने की ट्रेन और रास्ता 
अनुभव
सेन्टर के नियम
 सपोर्ट ग्रुप  
अंशदान 
rajistrasan
आप का रजिस्ट्रेशन  सफलतापूर्वक  कर लिया गया है
आप  को एक एडवाइस लेटर   (By  Registered Post )  भेज  रहे है , यह   लेटर 20 -25 दिन में  आप को  मिलेगा  आप  से  निवेदन है की अपने पोस्ट पोस्ट के सम्पर्क  यदि 30 दिन में न मिले तो ,अपने  मोबाइल में   अपना नाम, पिता का नाम, पूरा पता ( ग्राम ,पोस्ट, हाउस नम्बर,मोहल्ला , गली नम्बर , नियर, सेक्टरनम्बर, जिला  राज्य  पिन  )  टाइप करके  9300273703  में SMS  कीजिए 
 या कॉल किया  हकलाने वाले व्याक्ति कॉल करने में बहुत डरते और संकोच करते है आप से निवेदन है की  
  संकोच   मत  कीजिए ,हम आप की बात ध्यान से सुनेगे और   हमको गर्व होगा जब आप कॉल करेगे

 इस मेल के  साथ 20 पेज की हिंदी फाइल  अटेचड  है ओपन  कीजिए  और पढ़िए जो जो लक्षण मिलते हो उनको टिक कीजिए फिर मुझे कॉल कीजिये तो मै आप को  आगे की  जानकारी दे सकुगा   धन्यबाद
अधिक  जानकारी के लिए पुनः साईट विजिट कीजिए  अपना  आडी  , पासवर्ड डाल  कर  लॉग इन  कीजिये  और साईट के अन्दर  की एडवांस  जानकी  पढ़ सकते है

आप का  रजिस्ट्रेशन प्रोसेस  पूरा नहीं हुआ है  क्योकि सर्वर मे   टेकनीकल  प्रोब्लेम होनेसे  आप के कुछ डाटा सेव नहीं हुए है आप  या  आधा अधुरा गलत भरे है   अतः आप से अनुरोध है की पुनः साईट विजिट कीजिए और  न्यू  रजिस्ट्रेशन कीजिये या लॉग इन कर  के सारी जानकारी फिर से लिखिए और  सेव कीजिए

रजिस्ट्रेशन प्रोसेस आप  अपने  मोबाइल में   अपना नाम, पिता का नाम, पूरा पता ( ग्राम ,पोस्ट, हाउस नम्बर,मोहल्ला , गली नम्बर , नियर, सेक्टरनम्बर, जिला , राज्य , पिन ,------जो भी लागू हो लिखिए   )
टाइप करके  9300273703  में SMS  करके पूरा  कर सकते है

Tuesday, September 22, 2015

हिंदी  ब्लॉग से शुरुआत  सब कुछ सरल हिंदी में  पढ़िए 

Saturday, September 19, 2015

Acceptance

                                                                     Acceptance                                                                                                             दोस्तों आज मै बताउँगा की हकलाना क्या है.हकलाहट पर विजय पाना हो या किसी अन्य कार्य मे !आपको पहले स्वीकार्य करना ही पड़ेगा आइये देखते है कैसे स्वकार्य लोग कार्य में करते हैं। और सफल होते हैं।                                                                            
1 .  डॉक्टर ;सबसे पहले वह स्वीकार्य करते हैं कि हाँ मैं डाक्टर हूँ। तब लोग उसके पास आते है कि और चेकप करवाते है। यदि डाक्टर स्वीकार्य न करे तो उसकी डाक्टरी शायद नहीं चलेगी।                                                                                 2 . मजदूरः यदि कोई मजदूर स्वीकार्य करता हैं कि हाँ मैं मजदूर हूँ तभी उसे काम मिलता हैं और उसकी प्रगति होती हैं।                                                                                                                                                                                                                                                                     3 . एट्स का मरीज : मरीज किसी भी वीमारी का हो उसे पहले स्वीकार्य करना ही पड़ता हैं, कि हाँ मैं इस रोग पीड़ित  हूँ। तभी घर वाले समाज वाले लोग डॉक्टर को दिखाते हैं। और मरीज ठीक होता हैं,यदि वीमारी है तो स्वीकार कीजिए और उचित सलाह लीजिए गा। 

लड़की का फोन


                                        लड़की का फोन                                                                    
   एक बार एक लड़की का फोन मेरे मोबाइल में आया यह हमसे बड़े ही धीरे से मधुर आवाज में कहती है सर मै राधिका बोल रही हूँ। मैंने पूछा आप कहा से बोल रही हों  राधिका जी बोलती है मध्य प्रदेश की राजधानी से बोल रही हूँ। मै तो समझ गया कि राधिका जी को भोपाल बोलने से डर लगता है इसलिए वह बोल रही हैं ,कि मैं मध्य प्रदेश की राजधानी से बोल रही हूँ।  मैंने फिर से बोली आपके सतना की जो राजधानी है वहीं से बोल रही हूँ। मैंने कहा आप भोपाल से बोल रही है। तब राधिका ने कही  हाँ हाँ हाँ वही से ,मै भी थोड़ा मजाक के मुड में था मैंने फिर कहा मैडम जी आप कहा से बोल रही हैं। राधिका जी फिर बोलती हैं। वही जो आपने अभी कहा था। वही से बोल रही हूँ। मैंने कहा मैं क्या कहा था बताइये। राधिका जी फिर वही स्टाइल अपनाती हैं और कहती है ,मध्य प्रदेश की जो इन्दौर के आसपास शहर है वहीं से बोल रही हूँ। अब आप सोचिए भोपाल शब्द से कितना डर रही है राधिका जी अपनी हकलाहट को इतना छुपा रही है। जैसे जेल होने वाली है। राधिका जी आप भोपाल को भो भो भो भोपाल भी तो बोल सकती थी जरा बोल कर देखिये। दोस्तो 95 -99 % लोगों को हकलाहट इसीलिए होती है, क्योंकि वे हकलाहट को अपना दुश्मन मानते है। और लगातार इससे बचने का प्रयास करते हैं।  और बार बार हार जाते है। इसके बाद छुपाने और अन्दर ही अन्दर संघर्श के अलावा कुछ नही बचता इसीलिए आप हकलाते हैं। क्यों छुपाते हैं अपनी हकलाहट को दोस्तो यह सबसे बड़ा सवाल है। कि हम क्यों छुपाते है अपनी हकलाहट को!लोगों से, दोस्तों से, घर वालों से, अपने आप से भी, क्या वाकई में यह छुपाने योग्य विमारी है। क्या छुपाना ही समस्या का हल होता है क्या हमें 100 % छुपाने में सफलता हांसिल होती है। यदि नही तो इसका स्थाई समाधान क्या है इस सवालों का जबाब आगे आपको विस्तार से मिलेगा। इस सवालों का जबाब आगे आपको विस्तार से मिलेगा। दोस्तो हमारी सोच कुछ इस प्रकार से है। 
1 . हकलाना बहुत बेकार बीमारी है। 
2 . हकलाना गुप्त रोग है। इसे अधिक से अधिक छुपाया जाए।  
3 . यदि किसी को पता चल गया कि मैं हकलाता हूँ तब हमारी बेज्जती हो जायेगी लोग मेरा मजाक उड़ाएगे।  4 . हम हकलाने वाले लोग, लोगों की आँखो से बहुत परेशान हैं , हमें लगता है यदि आँखे मिला कर बोलूँगा तो सामने वाला व्यवित मेरी हकलाहट के ब्लकेज को देख लेगा और हमारी बेज्जती हो जाएगी। 
5 . यदि मै नही हकलाता तो आज बहुत आगे होता !कोई काम अधिक ले ले, कम पेमेन्ट दे दे , गाली भी सहन कर सकता हूँ। पर बोलने का काम मैं नहीं कर सकता !