मै अपने आप से २६ वर्ष तक यही कहता था
१- मेरे आलावा कोई नही हकलाता है
२- मेरे जीवन में हकलाना ही लिखा है
३- मै कई स्पीच थेरापिस्ट ,ई एन टी डॉक्टर को दिखा दिखा कर हार मान गया हु अब मेरी लाइफ बेकार है मै इसी प्रकार हकला हकला कर ,घुट घुट कर जिउगा ,हे भगवन कोई तो दवाई बताओ ,कुछ तो उपाय करो की मै ठीक हो जाऊ ,
४- हकलाना मेरा सबसे बड़ा दुसमन है यह इंटर वियु में फ़ैल करता है ,बात करने में प्रोब्लम पैदा करता है ,आँखों को मिला कर बात करने का आत्मा विश्वास तोड़ता है | ओंठ ,जीभ ,दन्त ,स्पीच ओरगन को हार्ड कर देता है | यदि मेरी हकलाहट ठीक होजयतो मै सारे कामो में सफल हो जाउगा |
५-बोलने के पहले ही मै हार मान लेता था, आपने आप से कहने लगता था की नही नही नही मै नही बोल पाउगा |
और मै नही बोल पता था
६- मेरी आंखे कभी अधिक खुल जाती , तो कभी बिल्कुल चिपक जाती ,कभी ओंठो में पेस्ट लग जाता और चिपक जाते ,तो कभी इतना खुल जाते की बंद ही नही होते मै बंद करने का प्रयास करता ओंठ और अधिक खुल जाते ,मै परेसान होता की कभी ओंठ चिपक जाते है तो कभी बंद ही नही होते , हे भगवन मुझे कोई तो रास्ता बताओ मेरे ओंठ सही ढंग से ओपन क्लोस हो सके प्ल्ज़ हेल्प में गोड़.........
७- प, फ ,ब, , म , ये अक्षर थे जो मेरे दुश्मन थे जब की प्र, ब्रा, क्र,त्र ,म्र ..... इसी प्रकार के अन्य अक्षर मेरे जानी दुसमन थे मेरा नम भी बी या वि से चालू होता था मै इतना डरता था की यदि कोई मेरा नाम पूछ ले वही सबसे बड़ा दुश्मन होता था हे भगवन इसके पास जारहा हु ,यह मेरा नाम ना पूछे तो मै कल एक नारियल अवश्य तोडुगा हे भगवन प्ल्ज़ नाम मत पुछ्वाना प्ल्ज़ प्ल्ज़ प्ल्ज़ ........|
८-पापा और अंकल से मै बहुत डरता था | मेरी लाइफ में इनके द्वारा बहुत प्रताड़ित किया गया ,मै यह तो आज भी नही जान सका की उनका इस प्रकार डाटना उचित था या अनुचित पर मेरे मन में दिमाग में आज भी इनका खौफ बैठ गया है | आज भी यदि ये लोग बुलाते है तो लगता है की कोई कोर्ट का जज बुला रहा है पता नही कौन सी सजा दे दे | मै आज भी भगवन से प्राथना करता हु की इनका सामना नही हो ,डर पापा अंकल से नही लगता ,इनके द्वारा किए गए पिछेले व्यव्हार से ,बातो से , लक्षण से डर लगता है
८-
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